बुधवार, 8 सितंबर 2010

जिन्दगी !!! एक आइना !!
हर ख़ुशी, दुःख दर्द का नाम है जिन्दगी !! कभी रुलाती कभी हसती है जिन्दगी !!!
मानो तो हसीं है, नहीं तो एक दर्द है जिन्दगी !!!! खुली किताब के एक अधूरे पन्ने सी है जिन्दगी !!!!!
दर्द में ख़ुशी का एहसास दिलाती, ख़ुशी में आखों से छलक जाती आंशु है जिन्दगी !!!!!
हर किसी के व्यक्तित्व को दर्शाती, ऐसी पारदर्शी है जिन्दगी !!!!!!!!
हम सभी के दिल में बसे प्यार को, झलकती है जिन्दगी !!!!
रूठो को मनाने में, कभी कभी रो जाती है जिन्दगी !!!!
भला ये जिन्दगी क्या है !!!
हमसे और आपसे बनी एक सौगात है जिन्दगी !!! समझ से परे एक अनबुझ पहेली है जिन्दगी !!!
और क्या कहू की क्या है जिन्दगी, जब मिली ठोकर तो समझा में आया मुझ नासमझ को ...
कुछ और नहीं ... एक दुसरे के साथ जुडी, खुशनुमा लहलहाती एक एहसास है जिन्दगी !!!!

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